रेलवे के लोको पायलट अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। लंबे समय से अपनी ड्यूटी के दौरान टॉयलेट और खाने के लिए ब्रेक की मांग करने वाले लोको पायलटों ने अब अपनी आवाज़ को और जोरदार किया है। रांची में 4 अप्रैल से चल रही लोको पायलटों की हड़ताल ने इस मुद्दे को और गर्म कर दिया है। इस बीच, कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार पर सवाल उठाए हैं।
लोको पायलटों की समस्याएं
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए लोको पायलटों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने लिखा, "पिछले साल जब मैं रेलवे के लोको पायलटों से मिला, तो उनकी स्थिति जानकर गहरी चिंता हुई थी। 14-14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, न पर्याप्त आराम, न खाने का ब्रेक और न शौचालय की सुविधा।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रेलवे हादसों के बाद "मानवीय चूक" का आरोप लगाता है, लेकिन यह कभी नहीं बताता कि कर्मचारियों से कैसे अमानवीय तरीके से काम लिया जाता है।
राहुल गांधी ने बताया कि लोको पायलटों की मुख्य बुनियादी मांगें थीं - "काम के घंटे तय हों और बेहतर माहौल मिले," ताकि उनकी स्थिति सुधारी जा सके और वे अपनी ड्यूटी पर सुरक्षित और संतुष्ट रहें।
सरकार का रवैया और दिखावे की कमेटी
राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया कि सरकार ने लोको पायलटों की समस्याओं के समाधान के लिए "सिर्फ दिखावे के लिए एक कमेटी बनाई" थी। उन्होंने कहा, "सरकार ने समाधान की कोई मंशा नहीं दिखाई। अब खाना और टॉयलेट ब्रेक जैसी बुनियादी मांगें भी यह कहकर ठुकरा दी गई हैं कि 'यह व्यावहारिक नहीं है'।" राहुल गांधी ने इसे न केवल लोको पायलटों के साथ अन्याय बताया, बल्कि इसे यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ बताया, जो इन ट्रेनों में सफर करते हैं।
राहुल ने जोर देते हुए कहा, "यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ हैं। जब तक सरकार बहरी बनी रहेगी, हम अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे।"
लोको पायलटों से मुलाकात
राहुल गांधी ने पिछले साल लोको पायलटों से मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने उनकी समस्याओं को सुना था। उन्होंने तब कहा था कि लोको पायलटों को गर्मी से भरे खौलते केबिन में बैठकर 16-16 घंटे काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि इंडिया गठबंधन संसद में इन मुद्दों को उठाएगा और लोको पायलटों के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाएगा।
रांची में हड़ताल जारी
रांची में लोको पायलटों की हड़ताल पिछले 4 अप्रैल से चल रही है, जिसमें वे अपने बुनियादी अधिकारों की मांग कर रहे हैं। यह हड़ताल तब शुरू हुई जब लोको पायलटों ने रेलवे प्रशासन से अपनी समस्याओं को सुलझाने की बार-बार अपील की थी, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया। हड़ताल के कारण ट्रेन संचालन में भी दिक्कतें आ रही हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष
रेलवे के लोको पायलटों की समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस समाधान सामने नहीं आ रहा है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को एक गंभीर मानवीय संकट के रूप में उठाया है, जिसमें ना सिर्फ लोको पायलटों का शोषण हो रहा है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। अब यह देखना होगा कि क्या सरकार इस मामले पर ध्यान देती है और लोको पायलटों के बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है।
यह मुद्दा सिर्फ एक पेशेवर वर्ग का नहीं, बल्कि पूरी रेलवे यात्रा सुरक्षा का है, जो करोड़ों भारतीयों की रोज़ाना की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ है।