उत्तर प्रदेश के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि राजा की हत्या उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी ने करवाई थी। दोनों की शादी को महज कुछ दिन ही हुए थे, और फिर अचानक पति की हत्या की खबर सामने आई। जांच में जब पुलिस ने इस रहस्य से पर्दा हटाया, तो यह सच उभरकर सामने आया कि सोनम का किसी और से प्रेम-प्रसंग था और वह उसी के साथ शादी करना चाहती थी।
प्रेम में अंधी हुई पत्नी ने रचा खौफनाक प्लान
पुलिस जांच में सामने आया है कि सोनम रघुवंशी का राज कुशवाहा नाम के युवक से प्रेम संबंध था। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन पारिवारिक दबाव और सामाजिक बंधनों के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई। नतीजा यह हुआ कि सोनम की शादी जबरन राजा रघुवंशी से कर दी गई। लेकिन शादी के बाद भी सोनम ने अपने प्रेमी से संपर्क बनाए रखा और पति को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।
समाज में गूंजा आक्रोश, महिलाओं ने किया जीवित पत्नी का पिंडदान
राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश का खुलासा होते ही पूरे समाज में गुस्सा फूट पड़ा। सबसे सनसनीखेज घटनाक्रम तब हुआ जब वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर रघुवंशी समाज की कुछ महिलाओं ने सोनम का जीवित रहते हुए ही पिंडदान कर दिया। ऐसा कदम आमतौर पर मृत व्यक्तियों के लिए उठाया जाता है, लेकिन समाज में सोनम के प्रति इतनी नफरत फैल गई कि लोगों ने उसे समाज से मृत मान लिया।
पिंडदान के दौरान महिलाओं ने सोनम की तस्वीर को आग के हवाले कर दिया और कहा कि "ऐसी महिला को समाज में रखने का कोई हक नहीं, जिसने अपने पति की जान ले ली। यह स्त्री समाज के लिए अभिशाप है।"
गंगा में नहीं फेंकी फोटो, कहा- अपवित्र हो जाएंगी
पिंडदान की इस रस्म के दौरान एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। महिलाओं ने सोनम की तस्वीर को गंगा में प्रवाहित नहीं किया। उनका कहना था कि "गंगा पवित्र है, सोनम जैसी पापिन की फोटो उसमें डालकर हम गंगा को अपवित्र नहीं करना चाहते।"
इस तरह की प्रतिक्रिया ने साफ कर दिया कि समाज में इस हत्याकांड को लेकर कितना रोष है।
राजा का परिवार बोला – "सोनम अब हमारे लिए मर चुकी है"
राजा रघुवंशी के परिजनों का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि “सोनम हमारे लिए मर चुकी है। उसने जो किया है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। हमने तो उसे अपनी बहू बनाकर घर लाया था, लेकिन उसने हमारी ही आंखों के सामने हमारे बेटे की जिंदगी छीन ली।”
परिवार ने भी सोनम का पिंडदान करने की बात कही थी। इस पर सोनम के भाई गोविंद का बयान भी आया जिसमें उन्होंने कहा कि "हमने शादी की है, हम पिंडदान नहीं कर सकते, लेकिन अगर राजा के परिजन करना चाहते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं।"
क्या जीवित व्यक्ति का पिंडदान हो सकता है?
यह सवाल कई लोगों के मन में आया कि क्या किसी जीवित व्यक्ति का पिंडदान करना सनातन धर्म में उचित है? इस पर एक पुरोहित ने जानकारी दी कि "वैसे तो पिंडदान मृत व्यक्ति के लिए होता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति समाज से बहिष्कृत हो चुका हो या उसे मृत मान लिया गया हो, तो उसका पिंडदान जीवित रहते हुए भी किया जा सकता है।"
निष्कर्ष
राजा रघुवंशी की हत्या और उसके बाद हुई घटनाएं सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं हैं, यह समाज, रिश्तों, प्रेम और विश्वास के टूटने की मार्मिक गाथा है। सोनम का पिंडदान समाज की ओर से दिया गया ऐसा सांकेतिक संदेश है, जो बताता है कि प्रेम में अंध होकर अगर कोई रिश्ते की मर्यादा लांघता है और हत्या जैसा अपराध करता है, तो समाज उसे कभी स्वीकार नहीं करता।
यह मामला एक बार फिर सोचने को मजबूर करता है कि रिश्तों की डोर जब जबरन बांधी जाती है, तो उसके परिणाम कितने घातक हो सकते हैं।