उत्तराखंड की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट को जान से मारने की धमकी मिलने की बात सामने आई। रविवार, 28 दिसंबर 2025 को इस संबंध में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं।
उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को धमकी: सुरक्षा घेरा सख्त, जांच तेज
देवभूमि उत्तराखंड में एक वरिष्ठ राजनेता को इस तरह की धमकी मिलना राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। महेंद्र भट्ट ने इस मामले में देहरादून पुलिस को ठोस सबूतों के साथ पत्र सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
1. घटना का विवरण: अज्ञात कॉल और अभद्र भाषा
महेंद्र भट्ट ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को दी गई अपनी शिकायत में बताया कि एक अज्ञात मोबाइल नंबर से उनके निजी नंबर पर लगातार कॉल आ रहे हैं।
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अपमानजनक व्यवहार: कॉल करने वाला व्यक्ति न केवल अभद्र और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहा है, बल्कि सीधे तौर पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।
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उत्तेजित स्वभाव: भट्ट ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि कॉलर का लहजा काफी उत्तेजित और हिंसक प्रतीत होता है, जिससे जानमाल के खतरे की आशंका बढ़ गई है।
2. राजनीतिक साजिश की आशंका
महेंद्र भट्ट ने इस धमकी के पीछे किसी गहरी राजनीतिक दुर्भावना की ओर इशारा किया है। उनका मानना है कि यह उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करने और उन्हें डराने का एक सुनियोजित प्रयास हो सकता है। उत्तराखंड में आगामी स्थानीय और सांगठनिक गतिविधियों के बीच इस तरह की धमकी को बीजेपी नेतृत्व गंभीरता से ले रहा है।
3. बीजेपी कार्यकर्ताओं का रुख: "डटकर करेंगे काम"
धमकी की खबर फैलते ही प्रदेश बीजेपी इकाई में आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए स्पष्ट संदेश दिया:
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मनोबल ऊंचा: चौहान ने कहा कि इस तरह की गीदड़ भभकियों से बीजेपी कार्यकर्ता अपने कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होंगे।
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दोगुना उत्साह: उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता बिना डरे, दोगुने उत्साह के साथ जनकल्याण और राज्य के विकास कार्यों में जुटे रहेंगे।
4. पुलिस की कार्रवाई और तकनीकी जांच
देहरादून पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है।
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सर्विलांस टीम सक्रिय: जिस नंबर से धमकी भरे कॉल आए हैं, उसे सर्विलांस पर लगा दिया गया है। पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और टावर लोकेशन के जरिए आरोपी की पहचान करने में जुटी है।
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सुरक्षा ऑडिट: पुलिस प्रदेश अध्यक्ष के आवास और उनके आधिकारिक कार्यक्रमों की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
निष्कर्ष
लोकतंत्र में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हिंसा की धमकी देना सभ्य समाज और कानून के शासन के विरुद्ध है। महेंद्र भट्ट को मिली यह धमकी उत्तराखंड पुलिस के लिए एक लिटमस टेस्ट की तरह है। जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी न केवल बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि राज्य में शांति व्यवस्था को भी कायम रखेगी।