भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कब मिलेगा? इस सवाल का जवाब अब लगभग साफ होता नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जुलाई 2025 के पहले या दूसरे सप्ताह में भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पार्टी अब तक 16 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर चुकी है और आज यानी 1 जुलाई को 3 और राज्यों में नए अध्यक्षों की घोषणा के साथ भाजपा संविधान में निर्धारित शर्तें पूरी हो जाएंगी।
भाजपा संविधान की शर्तें क्या हैं?
भाजपा के संगठनात्मक ढांचे के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त हो चुके हों। यानी पार्टी संगठन का अधिसंख्य हिस्सा पूर्ण रूप से कार्यशील हो। इस नियम को पूरा करने के लिए भाजपा ने तेजी से कई राज्यों में बदलाव किए हैं।
आज किन राज्यों में होंगे नए प्रदेश अध्यक्ष?
आज जिन राज्यों में नए अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे, उनमें प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। इनमें से कुछ राज्यों में पहले से कार्यरत अध्यक्षों को ही दोबारा मौका मिल सकता है, जबकि कुछ में नए चेहरों को संगठन की कमान सौंपी जाएगी।
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तेलंगाना: जी. रामचंद्र राव को अध्यक्ष बनाया गया है।
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आंध्र प्रदेश: पीवीएन माधव को जिम्मेदारी दी गई है।
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महाराष्ट्र: रवींद्र चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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उत्तराखंड: महेंद्र भट्ट को दोबारा मौका मिला है।
इसके अलावा, हाल ही में वीपी रामलिंगम को पुडुचेरी और के बेचुआ को मिजोरम का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
जुलाई में होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?
जैसे-जैसे प्रदेश स्तर पर संगठन मजबूत होता जा रहा है, वैसे-वैसे पार्टी के अंदर राष्ट्रीय नेतृत्व में बदलाव की संभावनाएं प्रबल होती जा रही हैं।
सूत्रों की मानें तो जुलाई के दूसरे सप्ताह तक भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला सकती है, जहां नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है।
पार्टी नेतृत्व इस प्रक्रिया को लोकसभा चुनाव 2024 की समाप्ति और नई कैबिनेट के गठन के बाद पूरा करना चाहता था, और अब वह समय आ चुका है।
जेपी नड्डा का कार्यकाल कब खत्म हुआ?
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल तकनीकी रूप से जनवरी 2023 में खत्म हो गया था, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव तक के लिए विस्तार दिया गया था।
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2019 में उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।
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जनवरी 2020 में वे औपचारिक रूप से अध्यक्ष नियुक्त हुए।
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उनका कार्यकाल 2023 में खत्म हुआ, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 तक इसे बढ़ाया गया।
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अब वे मोदी कैबिनेट में शामिल हो चुके हैं, इसलिए संगठन को नए अध्यक्ष की जरूरत है।
संभावित नामों की चर्चा
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कई नाम चर्चा में हैं। हालांकि, किसी नाम की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जो नाम सबसे अधिक सुर्खियों में हैं, उनमें शामिल हैं:
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भूपेंद्र यादव – अनुभवी संगठनात्मक रणनीतिकार और केंद्रीय मंत्री
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विनोद तावड़े – राष्ट्रीय संगठन महासचिव, लंबे समय से आरएसएस से जुड़े
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धरमेंद्र प्रधान – लोकप्रिय केंद्रीय मंत्री, चुनावी राजनीति का अनुभव
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सुनील बंसल – संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले वरिष्ठ नेता
इनमें से किसी भी नेता को संगठन की मजबूती और 2029 की रणनीति को ध्यान में रखते हुए चुना जा सकता है।
क्यों जरूरी है नया अध्यक्ष?
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति भाजपा के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि:
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संगठनात्मक कार्यों में स्थिरता और दिशा तय की जा सके।
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2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी समय पर शुरू हो सके।
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भाजपा को नई विचारधारा और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाया जा सके।