पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन में टकराव शुरू हो गया है. पर्दे के पीछे राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं, जिसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अहम भूमिका निभा रहे हैं और पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ उनका समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि 10 मार्च को प्रकाश सिंह बादल की बरसी पर सुनील जाखड़ ने एक रैली की थी. कहा गया कि इससे गठबंधन को भी बल मिला है.
सुनील जाखड़ ने कहा कि 1996-97 में हुआ समझौता राजनीतिक नहीं था, बल्कि यह समझौता हिंदू-सिख भाईचारे को मजबूत करने के लिए किया गया था. इसमें कोई राजनीति नहीं थी. आज के समय में सुनील जाखड़ और कैप्टन अमरिन्दर सिंह इसी बात की वकालत भाजपा आलाकमान के सामने कर रहे हैं।
सर्वे के नतीजे गठबंधन के पक्ष में हैं
सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों ने अपने-अपने स्तर पर सर्वे करा लिया है, जिसे लेकर दोनों ही पार्टियां और पार्टी कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं, लेकिन किसान आंदोलन और किसानों को लेकर अकाली दल चिंतित नजर आ रहा है, लेकिन क्या इसका कोई असर हो रहा है? पुरानी मांगों पर. अगर केंद्र सरकार बंदी सिखों का मसला सुलझा ले और किसानों के मसले पर स्पष्ट नीति अपना ले तो पूरी संभावना है कि गठबंधन को पंजाब में अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा.
इस बात को दोनों पार्टियों के नेता भी मान रहे हैं. अकाली कार्यकर्ताओं और नेताओं का भी सुखबीर बादल पर सुलह का भारी दबाव है, फिलहाल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की पंजाब बचाओ यात्रा को पंजाब में अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और यात्रा का कारवां बढ़ता जा रहा है और इसमें पुराने असंतुष्ट नेताओं को भी शामिल किया जा रहा है. हाँ, वह भी घर लौटने लगा है।
विजय रूपाणी और सुनील जाखड़ दिल्ली पहुंचे
मोगा के पूर्व विधायक जोगिंदर जैन फिर से अकाली दल में शामिल हो गए हैं. बीबी जागीर कौर घर लौट रही हैं, जिसे लेकर अकाली कार्यकर्ता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं, ओपिनियन पोल में भी गठबंधन को गति मिल रही है, जिसके तहत अगर दोनों पार्टियां 2024 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ती हैं, तो दोनों पार्टियों को अच्छा वोट बैंक मिल रहा है।
अगर वे साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस और आप से मुकाबला करने की स्थिति में होंगे। बेशक, अभी जमीन पर कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी है, लेकिन जैसे-जैसे पार्टियां और उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे, कांग्रेस की स्थिति साफ हो जाएगी. गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए पंजाब बीजेपी प्रभारी विजय रूपाणी और पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ दिल्ली पहुंच गए हैं.
गठबंधन पर कांग्रेस और आप की भी नजर है
सूत्रों के मुताबिक, रूपाणी और जाखड़ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर स्थिति से अवगत करा सकते हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह 12 मार्च को जेपी नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं, जिसके बाद गठबंधन की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है. इसलिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी संभावित गठबंधन को देखकर ही अपनी रणनीति तय करेंगी. इसलिए दोनों पार्टियों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है.
ऐसी भी चर्चा है कि अगर गठबंधन होता है तो भारत के अन्य राज्यों की तरह दोनों पार्टियां सीट शेयरिंग कर चुनाव लड़ सकती हैं. बेशक, विधानसभा और पंजाब में दोनों पार्टियों के नेता खुलेआम एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. फिलहाल सभी की निगाहें गठबंधन पर हैं कि अगले हफ्ते क्या होगा, इसके लिए अकाली दल भी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है.