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CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Monday, August 5, 2024

मुंबई, 05 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। साथ ही जमानत याचिका के लिए निचली अदालत जाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि CBI ने केजरीवाल की गिरफ्तारी बिना किसी ठोस कारण के की। कोर्ट ने 29 जुलाई को इसी मामले में हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई में CBI ने कहा कि केजरीवाल ही दिल्ली शराब नीति केस के असली सूत्रधार हैं। उनकी गिरफ्तारी के बिना मामले की जांच नहीं की जा सकती थी। एक महीने के भीतर हमने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। कोर्ट के फैसले पर AAP ने कहा कि सीएम केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। साथ ही जमानत के लिए अपील भी करेंगे। आपको ज्ञात हो, CBI ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। हालांकि 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दे दी थी, लेकिन CBI केस के चलते वह जेल में ही हैं।

CBI के स्पेशल वकील डीपी सिंह ने कहा, केजरीवाल इस मामले के सूत्रधार हैं, उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। जैसे-जैसे उनकी जांच आगे बढ़ी, हमें अरविंद केजरीवाल को फंसाने वाले सबूत मिले। केजरीवाल सहित 6 व्यक्तियों के नाम से चार्जशीट दायर की गई थी, लेकिन उनमें से पांच को गिरफ्तार नहीं किया गया। हमने अपनी जांच पूरी कर ली है और एक महीने के भीतर चार्जशीट दायर की है। अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट प्रमुख के तौर पर आबकारी नीति पर साइन किए। इसे अपने सहयोगियों को भेजा और एक ही दिन में उनके साइन भी लिए। ये सब कोविड-19 के दौरान हुआ। मनीष सिसोदिया के अधीन IAS अधिकारी सी. अरविंद ने गवाही दी कि विजय नायर आबकारी नीति की एक कॉपी कंप्यूटर में सेव करने के लिए लाए थे। उस समय अरविंद केजरीवाल मौजूद थे। सब कुछ केजरीवाल के सामने ही हुआ। जांच एजेंसी ने जांच में पाया कि 44 करोड़ रुपए गोवा भेजे गए थे। केजरीवाल ने यहां पार्टी उम्मीदवारों को पैसे की चिंता न करने और चुनाव लड़ने पर ध्यान देने का ऑर्डर दिया था। डायरेक्ट सबूत की कमी हो सकती है, लेकिन गवाहों की गवाही, जिसमें 3 गवाह और अदालत में दिए गए 164 बयान शामिल हैं। ये साफ करता है कि मामले में केजरीवाल भी शामिल हैं। इस तरह के सबूत केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आए, क्योंकि पंजाब के अधिकारी सामने नहीं आते। कुछ हालात में हाईकोर्ट को जमानत आवेदनों पर सीधे सुनवाई करने की अनुमति देती हैं, लेकिन यह जमानत की सुनवाई के लिए पहली अदालत नहीं हो सकती। CBI ने अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है और केस चलाने के लिए तैयार है।

वहीं, केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी ने दलील दी की, यह मामला इंश्योरेंस अरेस्टिंग का रिप्रेजेंटेशन करता है। केजरीवाल को ED मामले में तीन बार जमानत दी गई है। CBI की केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है। जमानत और रिट याचिकाओं के बीच का अंतर मामले की योग्यता को प्रभावित नहीं करता है। दिल्ली शराब नीति 9 इंटर-मिनिस्ट्री कमेटियों का परिणाम थी, जिसमें अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल थे। यह नीति एक साल के विचार-विमर्श के बाद जुलाई 2021 में लाई गई थी। आपको बता दें, दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार केस में 25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी। वहीं, ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी केजरीवाल 31 जुलाई तक जेल में ही थे। ED ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था।


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