देश के गरीब लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत गरीब लोगों को मुफ्त भोजन वितरण की योजना को अगले चार साल के लिए बढ़ा दिया गया है. अब यह योजना 2028 तक लागू रहेगी। इस फैसले से देश के करोड़ों गरीब नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।
मुफ्त अनाज वितरण 2028 तक जारी रहेगा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि मोदी सरकार ने मुफ्त अनाज वितरण योजना को 2028 तक बढ़ाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि सरकार की प्रधानमंत्री गरीब योजना के तहत गरीबों को अगले चार साल तक मुफ्त फोर्टिफाइड चावल मिलता रहेगा. कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाएं। इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने मिड डे मील और पीएम पोषण योजना समेत अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी मंजूरी दे दी है.
पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी
इस योजना का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी, जिसका बजट करीब 17,082 करोड़ रुपये होगा. इसका उद्देश्य न केवल गरीबों को राहत पहुंचाना है, बल्कि पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना भी है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति से देश में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं पर काबू पाने में भी मदद मिलेगी.
फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति का विस्तार करना
सरकार की फोर्टिफाइड चावल आपूर्ति योजना चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत मार्च 2024 तक इसे पूरे देश में विस्तारित करने का लक्ष्य था। अब इसे दिसंबर 2028 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत इसे पहले ही तीन चरणों में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है और इसके गरीबों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। इस योजना से जहां एक ओर गरीबों को पौष्टिक अनाज मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर देश के स्वास्थ्य स्तर में भी सुधार हो रहा है।
राजस्थान और पंजाब में सड़क परियोजनाओं को मंजूरी
अनाज वितरण योजना के साथ-साथ सरकार ने कई सड़क परियोजनाओं को भी हरी झंडी दे दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण को मंजूरी दे दी है. इन इलाकों में 2,280 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी, जिस पर करीब 4,406 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का विकास
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को भी मंजूरी दे दी है। यह परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना है। इस परिसर को दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री विरासत स्थल बनाने की योजना है, जो वैश्विक मंच पर भारत की समुद्री संस्कृति को प्रदर्शित करेगा।
सरकारी योजनाओं का व्यापक असर
सरकार की ये योजनाएं न सिर्फ गरीबों को राहत देंगी, बल्कि देश के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगी. फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति से जहां गरीबों के पोषण स्तर में सुधार होगा, वहीं सड़क परियोजनाओं से सीमावर्ती क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा बढ़ेगी और स्थानीय विकास में भी तेजी आएगी। कुल मिलाकर मोदी सरकार का ये फैसला देश के गरीब और वंचित वर्ग के लिए बड़ी राहत है. इसके साथ ही विकास और पोषण को प्राथमिकता देने वाली इस पहल से देश के स्वास्थ्य स्तर में भी सुधार आएगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी।