मुंबई, 04 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में बीते दो हफ्तों से हो रही मूसलाधार बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं ला दी हैं, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। सिक्किम के लाचेन इलाके में हालात गंभीर बने हुए हैं जहां भारतीय सेना ने मंगलवार को 30 पर्यटकों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अब भी करीब 83 लोग वहां फंसे हुए हैं, जबकि 6 लोग लापता हैं जिनकी तलाश के लिए राहत अभियान जारी है। मिजोरम में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। राज्य सरकार ने पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए 13 जून तक राज्य की यात्रा से बचने की अपील की है। 24 मई से हो रही तेज बारिश के कारण मिजोरम में महज 11 दिनों में 626 लैंडस्लाइड की घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें 5 लोगों की जान चली गई है।
असम में मंगलवार को बाढ़ के चलते 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। यहां 21 जिलों में करीब 6.5 लाख लोग प्रभावित हैं और 7 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। मणिपुर में बाढ़ की वजह से लगभग 1.64 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 35 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। राज्य में करीब 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बीते चार दिनों में यहां 100 से ज्यादा भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं मणिपुर को नगालैंड से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग NH-2 का करीब 50 मीटर का हिस्सा धंस गया है जिससे आवागमन बाधित हो गया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश और बर्फबारी के कारण लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम जाने वाले रास्तों पर भारी पत्थर गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। देश के अन्य हिस्सों में भी मौसम का कहर जारी है। मध्य प्रदेश और बिहार के कई जिलों में आंधी और बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने एमपी के 17 और बिहार के 29 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। राजस्थान के 29 जिलों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।