भारत भर के छोटे शहरों को उड़ान नेटवर्क से जोड़ने की सरकार की 'उड़ान' पहल सफल साबित हुई है। इससे इन क्षेत्रों में हवाई यात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, इस वृद्धि का श्रेय सरकारी पहल और पहले से वंचित क्षेत्रों में एयरलाइंस द्वारा शुरू की गई नई सेवाओं को दिया जाता है।
पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 की अवधि में छोटे शहरों के हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या 30% से 702% के बीच बढ़ी है। उदाहरण के लिए, 2018 से चालू दीव हवाई अड्डे पर 66,252 यात्रियों के साथ 65% की वृद्धि देखी गई। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दीव से अहमदाबाद और सूरत तक इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों में औसत यात्री भार कारक 69% दर्ज किया गया।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से चालू पंतनगर हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या 55.8% बढ़कर 110,824 तक पहुंच गई। इसी तरह, मेघालय के शिलांग में भी 2023 की तुलना में यात्रियों की संख्या में 40% से अधिक की वृद्धि देखी गई। ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर इक्सिगो ने बताया कि गुवाहाटी और दीमापुर के लिए हवाई टिकट ₹400 से शुरू होकर उपलब्ध हैं।
आगरा में वित्तीय वर्ष 2023-24 में यात्री यातायात 40.9% बढ़कर 182,956 तक पहुंच गया। तेजपुर हवाई अड्डे ने क्षेत्रीय हवाई अड्डों के बीच उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की, इसी अवधि के दौरान यात्रियों की संख्या 702% बढ़कर 32,000 से अधिक हो गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 4,000 थी।
इक्सिगो के अनुसार, लीलाबारी की उड़ानों के लिए ₹150 से शुरू होने वाले किफायती टिकटों के कारण हवाई अड्डे की लोकप्रियता बढ़ी। विशेषज्ञ हवाई यात्रा की मांग में वृद्धि का श्रेय काफी हद तक इन कम कीमत वाले टिकटों को देते हैं। मंत्रालय के आंकड़े भी तेजपुर से संचालित होने वाली उड़ानों के लिए 68% के मजबूत औसत यात्री भार कारक (पीएलएफ) का संकेत देते हैं, जो इन मार्गों पर मजबूत मांग को रेखांकित करता है।
भारत का विमानन क्षेत्र क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। विशेषज्ञ इस वृद्धि का श्रेय सरकारी पहल, एयरलाइन विस्तार और बढ़ती यात्री मांग को देते हैं। ये विकास छोटे शहरों और गांवों के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रहे हैं, जिनमें से कई को 'उड़ान' योजना से लाभ हुआ है। यह सरकारी पहल किफायती क्षेत्रीय हवाई यात्रा को बढ़ावा देती है।