इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2026 के मेगा ऑक्शन को खत्म हुए अभी 48 घंटे भी नहीं बीते हैं कि क्रिकेट गलियारों में एक बड़ी खबर ने सनसनी मचा दी है। रिपोर्टों के अनुसार, तीन बार की चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी चल रही है। आईपीएल के आगामी सीजन से पहले यह तीसरी ऐसी फ्रेंचाइजी है, जिसके मालिकाना हक में बदलाव या हिस्सेदारी बिक्री की खबरें सामने आई हैं। इससे पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और राजस्थान रॉयल्स (RR) को लेकर भी इसी तरह के दावे किए जा चुके हैं।
कौन बेचेगा KKR में अपनी हिस्सेदारी?
'मनीकंट्रोल' की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, शाहरुख खान, जूही चावला और जय मेहता के मालिकाना हक वाली इस टीम में साल 2026 में बिक्री की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि, KKR का मामला RCB और राजस्थान रॉयल्स से थोड़ा अलग है। जहां बेंगलुरु की मालिक कंपनी 'डिएजियो' पूरी फ्रेंचाइजी बेचने की तैयारी में है, वहीं कोलकाता में केवल एक छोटा हिस्सा (Minority Stake) बेचे जाने की चर्चा है।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जय मेहता का 'मेहता ग्रुप' अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच सकता है। इस संभावित बिक्री का उद्देश्य फ्रेंचाइजी के कंट्रोल या मुख्य ओनरशिप ढांचे को बदलना नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक वित्तीय फैसला हो सकता है।
KKR का ओनरशिप स्ट्रक्चर: किसके पास कितनी ताकत?
कोलकाता नाइट राइडर्स का संचालन 'नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी के जरिए होता है। वर्तमान में इसकी हिस्सेदारी कुछ इस प्रकार है:
| शेयरधारक |
हिस्सेदारी (%) |
कंपनी |
| शाहरुख खान |
55% |
रेड चिलीज एंटरटेनमेंट |
| जूही चावला-जय मेहता |
45% |
मेहता ग्रुप |
चूंकि शाहरुख खान के पास 55 फीसदी के साथ बहुमत है, इसलिए मेहता ग्रुप द्वारा हिस्सेदारी बेचने के बावजूद टीम का मुख्य नियंत्रण किंग खान के पास ही रहेगा।
2008 से 2024 तक: एक सुनहरी यात्रा
KKR उन 8 मूल टीमों में से एक है, जिन्होंने 2008 में आईपीएल की शुरुआत की थी। उस समय शाहरुख खान और मेहता ग्रुप ने इस टीम को महज 75 मिलियन डॉलर (तब लगभग 298 करोड़ रुपये) में खरीदा था। आज इस फ्रेंचाइजी की वैल्यू कई गुना बढ़ चुकी है।
मैदान पर सफलता का सफर:
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2012: गौतम गंभीर की कप्तानी में पहली बार खिताब जीता।
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2014: दूसरी बार फिर गंभीर के नेतृत्व में चैंपियन बनी।
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2024: 10 साल के सूखे को खत्म करते हुए श्रेयस अय्यर की कप्तानी में तीसरी बार ट्रॉफी उठाई।
अन्य फ्रेंचाइजी का क्या हाल है?
आईपीएल की दुनिया में इस समय निवेश और विनिवेश का दौर चल रहा है।
निष्कर्ष
आईपीएल अब केवल एक खेल नहीं, बल्कि अरबों डॉलर का बिजनेस साम्राज्य बन चुका है। KKR जैसी सफल टीम में हिस्सेदारी की खबरें यह दर्शाती हैं कि टीमें अब अपनी ब्रांड वैल्यू का फायदा उठाकर नए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना चाहती हैं। हालांकि, कोलकाता के फैंस के लिए राहत की बात यह है कि शाहरुख खान के टीम से अलग होने की कोई संभावना नहीं है।