अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ एक संयुक्त पत्रकार वार्ता के दौरान, ट्रंप ने चीन की व्यापारिक रणनीति की कड़ी आलोचना की और दावा किया कि बीजिंग दोनों देशों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने विशेष रूप से सोयाबीन व्यापार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि चीन, जो पहले अमेरिका से सोयाबीन का एक प्रमुख खरीदार था, अब जानबूझकर अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए साउथ अमेरिकी देश अर्जेंटीना से सोयाबीन खरीद रहा है। ट्रंप ने इस कदम को 'फूट डालो और राज करो' की चीन की पुरानी रणनीति का हिस्सा बताया, जिसका उद्देश्य अमेरिका और अर्जेंटीना के बीच आर्थिक संबंधों में तनाव पैदा करना और चीन को लाभ दिलाना है।
ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि चीन को "दरार डालकर फायदा उठाना पसंद है," लेकिन उन्होंने और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति माइली ने मिलकर यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि यह रणनीति सफल न हो। इस संयुक्त मोर्चा ने वैश्विक व्यापार मंच पर चीन के एकतरफा फैसलों के खिलाफ एकजुटता का संकेत दिया है।
अमेरिकी किसानों के लिए चुनौतियाँ
ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि चीन का यह कदम स्वाभाविक है, क्योंकि चीन हमेशा खुद को बड़ा दिखाने के लिए कुछ भी कर सकता है। उन्होंने इसे अमेरिकी किसानों के लिए आर्थिक रूप से प्रतिकूल और जानबूझकर मुश्किलें खड़ी करने वाला बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि वॉशिंगटन इस आर्थिक हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जवाबी कार्रवाई के रूप में चीन से कुकिंग ऑयल और अन्य व्यापारिक लेन-देन को खत्म करने पर विचार कर रहा है।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब दोनों महाशक्तियों के बीच व्यापारिक और भू-राजनीतिक तनाव पहले से ही काफी बढ़ चुका है। चीन द्वारा रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर नियंत्रण, जिसके जवाब में अमेरिका ने 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया, ने माहौल को गर्म कर दिया है।
बंदरगाह शुल्क से बढ़ा व्यापारिक गतिरोध
हाल ही में तनाव का एक और कारण चीनी बंदरगाहों पर अमेरिकी जहाजों पर लगाए गए नए विशेष बंदरगाह शुल्क हैं। 14 अक्टूबर 2025 को लागू हुए इस आदेश ने मौजूदा व्यापार गतिरोध को और बढ़ा दिया है। चीन की सरकार ने इस शुल्क को अपनी शिपिंग इंडस्ट्री और उद्यमियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक बताया है।
इस नए शुल्क के तहत, अमेरिकी जहाजों को चीन को 400 युआन (लगभग 56 अमेरिकी डॉलर) प्रति शुद्ध टन का नया बंदरगाह शुल्क देना होगा, जो अगले तीन वर्षों तक सालाना बढ़ेगा। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन द्वारा यह जवाबी शुल्क लागू किया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन की व्यापारिक चालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और अर्जेंटीना के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वैश्विक व्यापार में बढ़ते इस टकराव के बीच, दुनिया की नजर अब अमेरिका की जवाबी कार्रवाई और चीन के अगले कदम पर टिकी है।