रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा संपन्न कर स्वदेश लौट चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता करने और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित राजकीय रात्रिभोज में शामिल होने के बाद, पुतिन ने रूस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारतीय संस्कृति और 'अनेकता में एकता' की जमकर प्रशंसा की है। पुतिन ने भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने पर अपनी गहरी संतुष्टि व्यक्त की, जिसे उन्होंने रूस जैसे बहुसांस्कृतिक देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बताया।
'डेढ़ सौ करोड़' की आबादी, पर एक सूत्र में बंधी
रूस लौटकर पत्रकारों से बातचीत के दौरान, जब उनसे भारत में 'अनेकता में एकता' के सफल मॉडल के बारे में पूछा गया, तो राष्ट्रपति पुतिन ने भारतीय समाज की जटिलता और उसकी मजबूती पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "मैं पिछले दिनों भारत की यात्रा पर था, जहां की आबादी लगभग डेढ़ सौ करोड़ के करीब है। इस आबादी का मात्र एक-तिहाई हिस्सा ही हिंदी भाषी है, जबकि बाकी अन्य भाषाएं बोलते हैं।" उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न भाषाओं और बोलियों के कारण कभी-कभी तो लोग "आपस में एक-दूसरे को समझ भी नहीं पाते हैं।"
बावजूद इसके, पुतिन ने जोर देकर कहा कि भारत ने जिस तरह से इस भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को सफलतापूर्वक संभाला है, वह असाधारण है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि भारत में अनेकता में एकता मौजूद है, और यह देश एक-दूसरे के प्रति सम्मान और साझा राष्ट्रीय पहचान की भावना से बंधा हुआ है।
सांस्कृतिक आधार वाले देशों के लिए उदाहरण
राष्ट्रपति पुतिन ने भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक समानता का भी उल्लेख किया। उनका मानना है कि दोनों देशों का एक मजबूत सांस्कृतिक आधार है, जिसने उन्हें बाहरी दबावों के बावजूद एकजुट बनाए रखा है। उन्होंने स्पष्ट किया, "भारत और रूस जैसे सांस्कृतिक आधार वाले देशों को अनेकता में एकता के उदाहरण के तौर पर देखा जाना चाहिए।" पुतिन के इस बयान को भारत की लोकतांत्रिक और बहुलवादी पहचान के प्रति रूस के गहरे सम्मान के तौर पर देखा जा रहा है।
पुतिन की यह यात्रा दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत रणनीतिक साझेदारी को और अधिक बल देने के उद्देश्य से की गई थी। इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठकों में रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय आतिथ्य और यहां के गर्मजोशी भरे स्वागत पर भी खुशी व्यक्त की। स्वदेश लौटने के बाद उनकी टिप्पणियां दर्शाती हैं कि भारत की विविधता और संस्कृति ने उन्हें प्रभावित किया है, और दोनों देशों के बीच संबंधों को केवल भू-राजनीतिक हितों से ही नहीं, बल्कि साझा सांस्कृतिक मूल्यों से भी बल मिलता है।