संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार द्वारा अवैध या समाप्त हो चुके वीजा के साथ अमेरिका में रह रहे व्यक्तियों पर कार्रवाई के बाद बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे 104 भारतीय नागरिकों को टेक्सास से भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर भेज दिया गया।
इससे पहले मंगलवार को अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि यद्यपि विशिष्ट विवरण साझा नहीं किया जा सकता, किन्तु संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सीमा और आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहा है। प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि की गई कार्रवाई से “स्पष्ट संदेश जाता है कि अवैध प्रवासन जोखिम उठाने लायक नहीं है।”
“मुझे भारत के लिए निर्वासन उड़ान की रिपोर्ट पर कई पूछताछ प्राप्त हुई हैं। मैं उन पूछताछों के बारे में कोई विवरण साझा नहीं कर सकता, लेकिन मैं रिकॉर्ड पर यह साझा कर सकता हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी सीमा पर सख्ती से निगरानी कर रहा है, आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है, और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "इन कार्रवाइयों से स्पष्ट संदेश जाता है: अवैध प्रवास जोखिम के लायक नहीं है।"
24 जनवरी को, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका या “दुनिया में कहीं भी” उचित दस्तावेज के बिना रहने वाले या “निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने वाले” भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करेगा। नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं, खासकर इसलिए क्योंकि यह कई तरह के संगठित अपराध से जुड़ा हुआ है।"
उन्होंने कहा, "न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में बल्कि दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीयों के लिए, यदि वे भारतीय नागरिक हैं और वे निर्धारित समय से अधिक समय तक वहां रह रहे हैं, या वे उचित दस्तावेजों के बिना किसी विशेष देश में हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते वे हमारे साथ दस्तावेज साझा करें ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं।" यदि ऐसा हुआ तो हम मामले को आगे बढ़ाएंगे और उनकी भारत वापसी की सुविधा प्रदान करेंगे।
निर्वासन का मामला पहले ही राजनीतिक मोड़ ले चुका है, क्योंकि कांग्रेस ने दावा किया है कि अमेरिका भारतीय नागरिकों के साथ बुरा व्यवहार कर रहा है। चौंकाने वाला एवं शर्मनाक! जिस तरह से अमेरिका भारतीयों को अपराधियों की तरह जंजीरों में जकड़कर निर्वासित कर रहा है, वह अमानवीय और अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप क्यों हैं? आत्मसम्मान कहां है? डॉ. एस जयशंकर, आप हमारे लोगों के इस अपमान को रोकने के लिए क्या कर रहे हैं? कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पोस्ट किया, ‘‘बोलो और अभी काम करो।’’
इस बीच, सीबीएस न्यूज ने खबर दी है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह अमेरिकी सरकार के साथ किसी भी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग कुछ प्रवासी बंदियों को रिहा कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति ट्रम्प के शासनकाल में गिरफ्तारियों में वृद्धि के कारण इसकी हिरासत प्रणाली अधिकतम क्षमता को पार कर गई है। सीबीएस न्यूज़ के अनुसार, हिरासत केन्द्रों में जगह 109% क्षमता पर थी, तथा लगभग 42,000 प्रवासी बंदी थे।