मुंबई, 26 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल के खिलाफ 12 दिन तक चली जंग को ईरान की जीत बताया है। खामेनेई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ईरान ने इजराइल को कुचल दिया और झूठी इजराइली सरकार पर विजय प्राप्त की। उन्होंने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका को डर था कि इजराइल पूरी तरह खत्म हो जाएगा, इसीलिए वह जंग में कूदा, लेकिन उसे कुछ भी हासिल नहीं हुआ। ईरान ने मिडिल ईस्ट में अमेरिका के एक प्रमुख एयरबेस पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाया और एक बार फिर यह जता दिया कि दुश्मन अगर हमला करेगा, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
खामेनेई के दावे के उलट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नाटो समिट में ईरान की तारीफ करते हुए कहा कि उसने जंग में बहादुरी दिखाई। ट्रम्प ने कहा कि जंग के बाद ईरान को उबरने के लिए ऑयल बेचने की जरूरत है और अगर चीन ईरान से ऑयल खरीदना चाहता है तो अमेरिका को कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट का संकेत नहीं है। इससे पहले 13 जून को इजराइल ने ईरान पर हमला किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया। 12 दिन तक चले संघर्ष में ईरान में 627 और इजराइल में 28 लोगों की मौत हुई। 24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने युद्धविराम की घोषणा की थी। फ्रांस ने भी इस जंग में अहम भूमिका निभाई और रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने संसद में जानकारी दी कि फ्रांस ने इजराइल पर ईरान के ड्रोन हमलों को रोका। ईरान ने इस दौरान करीब 1000 ड्रोन और 400 बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं थीं।
उधर, परमाणु मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने कहा है कि उसे ईरान के परमाणु स्थलों के निरीक्षण की अनुमति अब तक नहीं मिली है। IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने स्पष्ट किया कि यह दरियादिली नहीं, बल्कि एक कानूनी जिम्मेदारी है, क्योंकि ईरान NPT यानी परमाणु अप्रसार संधि का सदस्य है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि अमेरिका और इजराइल के हमलों को देखते हुए वे NPT सदस्यता पर पुनर्विचार कर सकते हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह भी कहा है कि अब ईरान से परमाणु समझौता जरूरी नहीं रह गया है क्योंकि अमेरिका और इजराइल पहले ही ईरान के परमाणु ठिकानों को खत्म कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगले हफ्ते अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत होगी। जंग के दौरान भारत सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया और ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान और इजराइल से कुल 4244 भारतीयों को सुरक्षित निकाला। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ईरान से 3426 भारतीय नागरिकों और 11 भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को निकाला गया, वहीं इजराइल से 818 भारतीय वापस लाए गए। इसके लिए ईरान से 14 और इजराइल से 4 उड़ानों का संचालन किया गया, जो आर्मेनिया, तुर्कमेनिस्तान, जॉर्डन और मिस्र के रास्ते भारत पहुंचीं।