ताजा खबर
Bisalpur Dam : जयपुर को आज मिली सबसे बड़ी खुशखबरी! बीसलपुर बांध में पानी भरने का आज तक का रिकॉर्ड टूट...   ||    अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : अदालत आबकारी नीति मामले में सीबीआई के खिलाफ दिल्ली के मुख...   ||    सीपीएल 2024: तेजतर्रार निकोलस पूरन ने तोड़ा क्रिस गेल का रिकॉर्ड!   ||    Bengal Bandh Today Live News: बीजेपी का 12 घंटे के लिए बंगाल बंद; सरकारी कर्मचारियों को ममता का निर्...   ||    Janmashtami Vrat Katha: वीडियो में देखें भगवान विष्णु ने आधी रात में क्यों लिया कृष्णावतार, जानें जन...   ||    इस महाराजा ने 50,000 रुपए में खरीदी थी विदेशी बीवी, लेकिन शादी में आई ये अड़चन, यहां पढ़े अजब प्रेम ...   ||    Petrol Diesel Price Today: राजस्थान के इस शहर में आज इतना सस्ता हुआ पेट्रोल और डीजल, आपके यहां क्या ...   ||    पूर्व PM इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले भोलानाथ पांडेय का निधन, जानिए अनसुना कि...   ||    कोलकाता रेप-मर्डर केस-11 दिन बाद AIIMS डॉक्टरों की हड़ताल खत्म:CJI ने कहा था काम पर लौट आएं, राज्य सर...   ||    क्या जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए हाथ मिलाएंगे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस? राहुल गांधी के दौ...   ||   

कच्चाथीवू पर श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री ने कहा, भारत इसे हासिल करना चाहता है, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Friday, April 5, 2024

मुंबई, 05 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जाफना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कच्चाथीवू पर श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने कहा, भारत में चुनाव का समय है। ऐसे में कच्चाथीवू पर दावे से जुड़े बयान आना कोई नई बात नहीं है। मुझे लगता है भारत इस जगह को खुद हासिल करना चाहता है ताकि श्रीलंकाई मछुआरों को यहां कोई हक न मिले। 1974 में भारत-श्रीलंका के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देशों के मछुआरों को एक-दूसरे की समुद्री सीमा में मछली पकड़ने की इजाजत दी गई थी। लेकिन इसके बाद 1976 में नया समझौता हुआ और मछुआरों को मिले अधिकार पर रोक लगा दी गई। बीते दिनों उन्होंने यह भी कहा था की, यह मुद्दा 50 साल पहले सुलझा लिया गया था। इसे दोबारा उठाने की कोई जरूरत नहीं है। कच्चाथीवू पर कोई विवाद नहीं है। भारत में सिर्फ राजनीतिक बहस चल रही है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। लेकिन इस पर अधिकार को लेकर कोई बात नहीं हुई है।

वहीं, श्रीलंकाई मंत्री ने बताया कि नए समझौते के तहत भारत को कन्याकुमारी के पास मौजूद वेज बैंक मिला। यह कच्चाथीवू से 80 गुना बड़ा इलाका है, जहां बहुत से समुद्री संसाधन मौजूद हैं। 1976 रिव्यू में यह इलाका भारत को मिला था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में श्रीलंकाई मछुआरों ने आरोप लगाया है कि भारत के मछुआरे गैरकानूनी तरह से श्रीलंका की समुद्री सीमा में मछली पकड़ने पहुंच रहे हैं। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक श्रीलंकाई नेवी 178 मछुआरों को पकड़ा है। इस मामले को लेकर श्रीलंका में कई जगह प्रदर्शन भी हुए हैं, जिसकी वजह से मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद पर प्रेशर बढ़ रहा है। आपको बात दें, इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 1 अप्रैल को भारत-श्रीलंका के बीच स्थित कच्चाथीवू द्वीप पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि इंदिरा सरकार ने 1974 में भारत का ये द्वीप श्रीलंका को दे दिया था।


उदयपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Udaipurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.