सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस युग में जितनी तेजी से खबरें लोगों तक पहुंचती हैं, उतनी ही तेजी से गलत और भ्रामक सूचनाएं भी प्रचारित की जाती हैं। कई लोग आसानी से ऐसी फर्जी खबरों का शिकार बन जाते हैं, जिससे बाद में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। लोगों को ऐसी फर्जी और गलत सूचनाओं से बचना चाहिए।' आजकल मोबाइल टावर लगवाने की एक फर्जी खबर वायरल हो रही है. आइए जानते हैं पीईबी फैक्ट चेक में यह खबर सही पाई गई या गलत।
सोशल मीडिया पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का एक फर्जी लेटर वायरल हो रहा है। इस पत्र के नीचे सरकारी मंजूरी की मुहर और प्राधिकारी के हस्ताक्षर हैं. यह पत्र 11 नवंबर 2023 का है. इस पत्र में मोबाइल टावर लगाने की इजाजत दी गई है. अगर कोई मोबाइल टावर लगाने के लिए आपसे पैसे की मांग करता है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह फर्जी खबर है।
इसी तरह लोग फंसते हैं
कुछ फर्जी लोग भोले-भाले गरीबों को मोबाइल टावर लगवाने का झांसा देते हैं। पहले ये लोग मोबाइल टावर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 3800 रुपये मांगते हैं और फिर 45,000 रुपये मासिक किराया और 40 लाख रुपये देने का दावा करते हैं. वे खुद को कंपनी कहते हैं. आम लोग ऐसे फर्जी लोगों के झांसे में आ जाते हैं और मोबाइल टावर लगवाने के लिए हजारों रुपये चुका देते हैं. बाद में ये लोग पैसे लेने के बाद न तो फोन उठाते हैं और न ही दोबारा वापस आते हैं।
जानिए PIB का दावा
पीआईबी फैक्ट चेक (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो फैक्ट चेक) ने अपनी जांच में मोबाइल टावर लगाने के लिए वायरल हो रहा लेटर फर्जी पाया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। मोबाइल टावर लगाने संबंधी किसी भी पत्र पर विश्वास न करें।
A company is seeking ₹3,800 as registration fee for installing mobile towers & claiming to provide monthly rent of ₹45,000 & advance payment of ₹40 Lakhs in the name of @TRAI#PIBFactCheck
✔️This letter is #Fake
➡️TRAI never issues any such lettershttps://t.co/RToS6engvT pic.twitter.com/H5e5Xajtns
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 26, 2023