मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में एक दलित जोड़े को खंभे से बांधकर बुरी तरह पीटा गया है. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने जूते-चप्पलों की माला बनाकर उनके गले में डाल दी. जब इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर दंपत्ति की जान बचाई.दलित दंपत्ति पर इस क्रूरता के पीछे का कारण तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस के मुताबिक, दलित दंपत्ति के बेटे पर कुछ महीने पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. ऐसे में पुलिस को पीड़ित परिवार पर शक है, जिन्होंने कुछ लोगों की मदद से घटना को अंजाम दिया है.
क्या बात है ?
मुंगोली के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सनम बी खान का कहना है कि कुछ महीने पहले दलित दंपत्ति के बेटे का नाम यौन उत्पीड़न मामले से जुड़ा था और उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई थी. पीड़िता का परिवार यौन उत्पीड़न की घटना से बेहद परेशान था और वे अक्सर दलित दंपत्ति को परेशान करते थे. दंपत्ति ने पीड़िता के परिवार पर भी आरोप लगाया है. इस सिलसिले में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अब मामले की जांच की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक, दलित दंपत्ति ने अपने बेटे पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद किलोरा गांव छोड़ दिया और लंबे समय बाद शुक्रवार को वापस लौटे. जैसे ही गांव वालों की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने दोनों पति-पत्नी को पकड़ लिया और एक खंभे से बांध दिया. आपको बता दें कि पति की उम्र 65 साल और पत्नी की उम्र 60 साल है. ग्रामीणों ने दोनों की पिटाई की और फिर कुछ लोगों ने चप्पल-जूतों की माला बनाकर उनके गले में डाल दी.
दलित दंपत्ति ने बयां किया अपना दर्द
दोनों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनका कहना है कि हमलोग मजदूरी के लिए गांव से बाहर गये थे. लेकिन जब हम अपने घर लौटे तो 10-12 लोग हमारे घर में घुस आए और हमें पीटने लगे और हमें रस्सी से बांध कर अपने घर ले गए. उन्होंने हमें एक खंभे से बांध दिया. पहले उन्होंने हमें बुरी तरह पीटा और फिर जूतों के फीते बनाकर हमारे गले में डाल दिए. बाद में घटना की सूचना पुलिस को दी गई, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हमारी जान बचाई और हमें अस्पताल में भर्ती कराया.
दलित दंपत्ति का कहना है कि आरोपियों ने उनकी 5-6 बीघे जमीन पर लगी फसल भी बर्बाद कर दी. इसके अलावा उन्होंने घर का ताला भी तोड़ दिया और घर में तोड़फोड़ की. दंपति के अनुरोध पर पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 323, 294 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा आरोपियों पर एससीएसटी एक्ट भी लगाया गया है.