आज अक्षय तृतीया के अवसर पर चार धाम यात्रा शुरू हो गई है. केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं. बाबा केदार के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट खोले गए। ठीक 7:15 शुभ मुहुर्त पर बाबा केदार की पंचमुखी डोली को मंदिर में स्थापित किया गया।
कपाट खुलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना की और देश और राज्य की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की. उन्होंने देश एवं प्रदेश के सभी लोगों के सुखी जीवन के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी बाबा केदार के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का स्वागत किया. मुख्यमंत्री मंदिर परिसर में आयोजित भंडारा कार्यक्रम में भी शामिल हुए.
शून्य डिग्री तापमान के बावजूद श्रद्धालु जुटे
केदारनाथ धाम के साथ ही गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट भी आज खुल गए हैं. बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे. आजकल चार धाम का तापमान शून्य डिग्री है. दिन में तापमान 0 से 3 डिग्री के आसपास रहता है और रात में तापमान माइनस में चला जाता है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है.
इस समय चारों धाम में करीब 10 हजार श्रद्धालु मौजूद हैं. गौरीकुंड तक श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है. बाबा केदार के दर्शन के लिए कतारों में इंतजार कर रहे हैं. बर्फीले पहाड़ों और काले बादलों से भरे आसमान में बाबा केदार के जयकारे गूंजते हैं। आपको बता दें कि गौरीकुंड केदारनाथ धाम से महज 16 किलोमीटर दूर है।
22 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है
केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय से मिली जानकारी के अनुसार गौरीकुंड में पैर रखने की जगह नहीं है। सभी 1500 कमरे बुक हो चुके हैं। 5 हजार से ज्यादा खच्चरों की बुकिंग हो चुकी है. सोनपुर भी फुल है. चारधाम यात्रा के लिए देशभर से करीब 22 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। वर्ष 2023 में रिकॉर्ड 55 लाख श्रद्धालुओं ने चारों धाम के दर्शन किये.
केदारनाथ धाम के संत अविराम दास महाराज के अनुसार, दोपहर 12 बजे मुख्य रावल और 5-6 वेदपति ब्राह्मणों ने मंदिर में प्रवेश किया और मंदिर को बाहर से बंद कर दिया। मंत्रोच्चारण से ज्योतिर्लिंग में प्राण प्रतिष्ठा की गई। सुबह ठीक 7:15 बजे शुभ मुहुर्त पर बाबा केदार की पंचमुखी डोली को मंदिर में स्थापित किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी मौजूद रहे.
भक्तों के लिए परामर्श एवं तैयारी सुविधाएँ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार धाम समुद्र तल से 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर हैं। पहाड़ों में मौसम ख़राब है. कुछ जगहों पर बर्फबारी हो रही है तो कुछ जगहों पर रुक-रुक कर बारिश हो रही है. श्रद्धालु पूरी तैयारी के साथ चारधाम यात्रा पर निकलें। इस बार चारों धाम के रास्ते में डॉक्टर और मेडिकल ऑफिसर तैनात रहेंगे. 4जी और 5जी नेटवर्क की सुविधा मिलेगी। ऑनलाइन पूजा की सुविधा 30 जून तक ही उपलब्ध रहेगी.