भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया ब्लॉक ने बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह घोषणा राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं और उनके नामांकन से पहले उन्होंने दिल्ली के संविधान सदन का दौरा किया, जहां उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने राहुल गांधी की खुले दिल से प्रशंसा की और कहा कि जब सड़कें शांत होती हैं तो सदन सक्रिय होता है।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने राहुल गांधी की राजनीतिक रणनीतियों और कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल गांधी वे नेता हैं जो सड़कों को खामोश नहीं रहने देते। उन्होंने विशेष रूप से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, न्याय योजना, और युवाओं के मुद्दों पर उनकी संवेदनशीलता की बात की। उनके अनुसार देश को ऐसे साहसी और जागरूक नेतृत्व की आवश्यकता है जो आम जनता की आवाज को प्रमुखता दे सके।
सुदर्शन रेड्डी ने अपने विचारों में तेलंगाना में जाति जनगणना की आवश्यकता पर भी बल दिया। उनका मानना है कि जाति जनगणना से समाज में व्याप्त असमानताओं और विकास के मुद्दों को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है, जिससे नीतियां और भी प्रभावी बनेंगी। साथ ही, उन्होंने बिहार में मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर भी चिंता जताई और इसे संविधान के लिए बड़ा खतरा बताया। उनका कहना था कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदाता सूची का सही होना जरूरी है और अगर मतदान के अधिकार को सीमित किया गया तो यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक होगा।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने मताधिकार को लोकतंत्र की आधारशिला बताते हुए कहा कि आम आदमी के लिए मतदान ही एकमात्र साधन होता है अपनी बात पहुंचाने का। इसलिए मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या छेड़छाड़ लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने वयस्कों के मताधिकार को सुनिश्चित करने पर भी ज़ोर दिया ताकि हर नागरिक को अपनी राजनीतिक भागीदारी का अधिकार मिल सके।
आज, बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस महत्वपूर्ण अवसर पर इंडिया ब्लॉक के प्रमुख नेता, सांसद और सहयोगी दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। उनका नामांकन दाखिल करना उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में एक नई राजनीतिक ऊर्जा लेकर आएगा।
इस चुनाव को लेकर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद देश की संवैधानिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बी. सुदर्शन रेड्डी का अनुभव और उनकी विचारधारा चुनाव को और भी दिलचस्प बनाती है। उनके नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक उम्मीद करता है कि वे न केवल इस पद को हासिल करेंगे, बल्कि देश के संवैधानिक लोकतंत्र को और मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस प्रकार, बी. सुदर्शन रेड्डी का उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन सिर्फ एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि देश के संवैधानिक और सामाजिक मुद्दों पर गहन विमर्श का अवसर भी है। उनकी रैली और उनके विचार आगामी दिनों में भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।