मुंबई, 02 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली के एक शेल्टर होम में बीते एक महीने में 14 लोगों की मौत हो गई है। इसमें 8 महिलाएं और 6 पुरुष (एक बच्चा) शामिल है। मामला रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम का है। यह दिल्ली सरकार की तरफ से संचालित एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शेल्टर होम में फरवरी 2024 से अबतक कुल 25 मौतें हुई हैं। इनमें से 14 मौतें केवल जुलाई 2024 में हुई हैं। शेल्टर होम की ओर से दिल्ली सरकार को दी गई रिपोर्ट में दस्त और बेहोशी से मौत होने की बात कही गई है। साथ ही हल्का बुखार और उल्टी की बात भी शामिल हैं। मामले में दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने राजस्व विभाग को मजिस्ट्रेट जांच करने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
तो वहीं, आतिशी ने कहा कि शेल्टर होम में जुलाई में 14 मरीजों की मौत एक गंभीर मामला है। मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। कुछ मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। घटना की मजिस्ट्रेट जांच की शुरुआती रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाएगी। यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। आतिशी ने कहा कि शेल्टर होम में अलग-अलग कैटेगरी के मानसिक रूप से कमजोर लोग भर्ती हैं। उन्हें अन्य बीमारियां भी हैं। कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं जिन्हें 24 घंटे देखभाल की जरूरत होती है शेल्टर होम में 980 मरीज हैं, जिनकी देखभाल के लिए 450 वर्कर्स तीन शिफ्ट में काम करते हैं। मरने वालों में से 13 वयस्क और एक नाबालिग है। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के शेल्टर होम मासूमों की मौत का जाल बन गए हैं। आशा किरण की क्षमता 250 है, उसमें 450 लोग भर्ती हैं। उन्हें ढंग का खाना, पानी और इलाज नहीं मिल रहा है। मरीजों को गंदा पानी देने के लिए आतिशी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। साथ ही, इस मामले में BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता कहती हैं कि शेल्टर होम में लगातार मौतें हो रही हैं। 2024 में 27 लोगों की मौत हुई है। केवल जुलाई में ही 17 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कारण नहीं बता रहा। एसडीएम जांच में क्या है, हमें नहीं पता, सभी अधिकारी गेट बंद करके बैठे हैं। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। रेखा ने आरोप लगाया कि यहां बच्चों को गंदा पानी मिल रहा है, उन्हें खाना नहीं मिलता, इलाज नहीं मिलता। इसकी जांच होनी चाहिए और जो भी इसमें शामिल हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1989 में बने इस शेल्टर होम में 500 लोगों के भर्ती होने की क्षमता है, लेकिन यहां 1000 लोग भर्ती हैं। इनके इलाज के लिए यहां सिर्फ 6 डॉक्टर और 17 नर्स हैं। शेल्टर होम में महिलाओं और पुरुषों के लिए 10-10 डॉरमेट्री हैं। मृतकों के आंकड़े को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से अब तक शेल्टर होम में 27 बच्चों की मौत हुई है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच में शेल्टर होम में मौतों का खुलासा हुआ है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम में जनवरी से अब तक 14 मौतों की बात कही है। मौतों का असली कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वाले लोगों में दस्त और उल्टी के एक जैसे लक्षण थे। आशा किरण मेडिकल केयर सेंटर के डेटा के अनुसार जनवरी 2024 से हर महीने 2-3 मौतें हो रही हैं, लेकिन जुलाई में ये आंकड़ा तेजी से बढ़ा। आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आती है। AAP विधायक राज कुमार आनंद समाज कल्याण मंत्री थे। हालांकि, 10 अप्रैल को मंत्री पद और AAP से उनके इस्तीफे के बाद से इस विभाग के हेड का पद खाली है। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसी भी मंत्री को विभाग का जिम्मा नहीं सौंपा है।