मुंबई, 11 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। झारखंड के बड़े गैंगस्टर्स में शामिल अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है। मंगलवार को उसे रायपुर जेल से झारखंड पुलिस की रिमांड में रांची लाया जा रहा था। पलामू SP रिष्मा रमेशन के मुताबिक, 'अमन साहू को NIA के एक मामले में ATS की टीम रायपुर जेल से ला रही थी। जैसे ही स्कॉर्पियो चैनपुर-रामगढ़ रोड़ के अन्हारी ढ़ोढ़ा घाटी पहुंची। अमन साहू के साथियों ने, उसे छुड़ाने के लिए स्कॉर्पियो पर बम फेंका। SP रिष्मा रमेशन ने बताया कि, 'बमबाजी के बाद अमन साहू ने हवलदार राकेश कुमार के हाथ से राइफल छीनकर फायरिंग की कोशिश की। तभी जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया। हवलदार की जांघ में गोली लगी है। उसका इलाज एमएमसीएच पलामू में चल रहा है। जहां घटना हुई है, वह थोड़ा जंगली इलाका है। यहां मोबाइल नेटवर्क की भी दिक्कत है। घटनास्थल से 100 मीटर पहले आम लोग और मीडिया के जाने पर रोक लगा दी गई है।
अमन साहू झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती था। उसके गिरोह के निशाने पर कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर थे। अमन इनसे लगातार रंगदारी वसूल रहा था। बात नहीं मानने वालों पर खुलेआम गोलियां भी चलवाता था। इसके बाद गैंग के गुर्गे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर और वर्चुअल नंबर से मीडिया को जानकारी भी देते थे कि घटना को उनके ही गिरोह ने अंजाम दिया है। एक केस में कोर्ट में पुलिस के 20 पन्नों के दिए बयान के अनुसार गैंगस्टर अमन साहू, अमन साव के नाम से भी जाना जाता है। उसका जन्म रांची जिले के मतवे, बुढ़मू गांव में साल 1995 में हुआ था। साल 2010 में उसने मैट्रिक की परीक्षा 78 फीसदी अंकों के साथ पास की थी। उसके बाद पंजाब के मोहाली से इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा किया था। उसे 62% मार्क्स आए थे। साल 2012 में जब वह घर आया था, तब उसकी पहचान झारखंड जनमुक्ति मोर्चा के तत्कालीन सुप्रीमो कुलेश्वर सिंह से हुई और यहीं से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। एक कांड के दौरान वो 2015 में पहली बार जेल गया। जहां उसकी दोस्ती सुजीत सिन्हा एवं मयंक सिंह से हुई थी। यहीं से वह उग्रवादी संगठनों के अलावा दूसरे आपराधिक गिरोहों के संपर्क में आया था।
अमन साहू पर रायपुर में रंगदारी के दो मामले दर्ज थे। वह पिछले साढ़े तीन महीने से रायपुर जेल में था। झारखंड के जेलों से वह रंगदारी का धंधा तो करता ही था, अब रायपुर से भी रंगदारी का खेल चलाने लगा था। 40 पुलिसकर्मियों की टीम अमन साहू को झारखंड से प्रोडक्शन वारंट पर 14 अक्टूबर को रायपुर लेकर आई थी। कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल की कार पर फायरिंग केस में अमन साहू मुख्य आरोपी है। 13 जुलाई को अमन के गुर्गों ने फायरिंग की थी। इस गोलीकांड में अमन साहू के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में PRA कंस्ट्रक्शन नाम से ऑफिस है जहां फायरिंग हुई थी। इसके बाद से अमन को रायपुर लाने की तैयारी चल रही थी। वहीं, ATS की जिस सदस्य ने अमन साव का एनकाउंटर किया है, वह 1994 बैच के सब इंस्पेक्टर रहे प्रमोद कुमार सिंह हैं। प्रमोद कुमार सिंह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। फिलहाल वह ATS में DSP के पद पर हैं। जानकारी के अनुसार प्रमोद कुमार को अमन साव को लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रमोद कुमार सिंह अमन साव को तीन वाहनों के काफिला से रायपुर से रांची ला रहे थे। प्रमोद कुमार पलामू, धनबाद, रांची सहित कई जिलों में काम कर चुके हैं। वह पलामू के चैनपुर में थाना प्रभारी भी रहे हैं। 2022 में धनबाद बैंकमोड़ में उन्होंने बैंक लूटेरों को दिन-दहाड़े लूट की घटना को अंजाम देने के दौरान मार गिराया था। उनका यह एक्शन तब काफी चर्चा में रहा था।