मुंबई, 09 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता के लिए जरूरी कागजातों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। इस कानून के तहत नागरिकता लेने के लिए ऐसा कागजात पेश करना जरूरी है, जो साबित करता हो कि आवेदक के माता-पिता, दादा-दादी, या परदादा-परदादी पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश के रहने वाले थे। हालांकि यह तय नहीं था कि इसके प्रूफ के लिए किस तरह के कागजात की जरूरत होगी। नए नोटिफिकेशन में यह साफ किया गया है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी ज्यूडीशियल बॉडी से जारी कोई आदेश जैसै लैंड रिकॉर्ड, ज्यूडीशियल ऑर्डर आदि सभी इसके लिए मान्य होगें। दरअसल, केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को देशभर में CAA लागू किया था। CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। CAA के तहत इसी साल मई में पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई थी।
नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें -
1. किसे मिलती है नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जा सकती है। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
2. भारतीय नागरिकों पर असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।
3. आवेदन कैसे करते हैं: CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन ऑनलाइन करना होता है। आवेदक को बताना होता है कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर कर सकते हैं। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। इस कानून से इतर नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।