मुंबई, 1 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) लंबी सड़क यात्राएँ रोमांचक हो सकती हैं, लेकिन लगातार लंबे समय तक बैठना एक छुपे हुए स्वास्थ्य खतरे को जन्म दे सकता है: खतरनाक ब्लड क्लॉट्स (रक्त के थक्के)। एक लोकप्रिय वैस्कुलर सर्जन, डॉ. रेमा मलिक ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर इस जोखिम के बारे में जागरूकता फैलाई। उन्होंने बताया कि कार में लंबे समय तक बैठे रहने से हमारी पिंडली की मांसपेशियाँ (Calf Muscles), जिन्हें अक्सर 'दूसरा दिल' कहा जाता है, निष्क्रिय हो जाती हैं। इससे पैरों में रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है और रक्त जमा होने लगता है, जो डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) यानी क्लॉट बनने के लिए एकदम सही माहौल है।
🩺 वैस्कुलर सर्जन द्वारा सुझाए गए 3 अनिवार्य नियम
डॉ. मलिक ने अपनी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए तीन 'नॉन-नेगोशिएबल' (अनिवार्य) नियमों का पालन करने की सलाह दी है:
हर 2 घंटे पर 5 मिनट का रीसेट (The 2-Hour Reset): ड्राइविंग के हर 2 घंटे बाद कार को 5 मिनट के लिए रोकना अनिवार्य है। इस ब्रेक के दौरान, कार से बाहर निकलें, थोड़ा टहलें और 20 बार काफ रेज़ (पिंडली की कसरत) करें। यह आपकी रक्त परिसंचरण (Circulation) प्रणाली के लिए एक अनिवार्य पुनरारंभ (Reboot) है।
लगातार हाइड्रेटेड रहें (Hydrate Relentlessly): शरीर में पानी की कमी (Dehydration) होने से आपका रक्त गाढ़ा हो जाता है और उसके थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। कार में आपका मुख्य पेय पानी ही होना चाहिए। अत्यधिक कैफीन और मीठे पेय पदार्थों से बचें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को बढ़ा सकते हैं।
कार के अंदर सक्रियता (In-Car Activations): आपको यात्रा के दौरान निष्क्रिय यात्री बनने की ज़रूरत नहीं है। हर 30 मिनट में, 30 बार एंकल पंप्स (Ankle Pumps) करें—यानी अपने पैरों को ऊपर और नीचे लचीला बनाएँ। यह अभ्यास आपके 'दूसरे दिल' (पिंडली की मांसपेशियों) को ब्रेक के बीच भी सक्रिय रखता है।
🔬 विशेषज्ञ की राय: क्यों बनते हैं रक्त के थक्के?
कार्डिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सी.एम. नागेश ने बताया कि लंबे समय तक बैठे रहने से पैरों की नसों में रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिसे वीनस स्टैसिस (Venous Stasis) कहते हैं। जब आप घुटनों को मोड़कर और पैरों को बिना हिलाए बैठते हैं, तो पिंडली की मांसपेशी पंप — जो सामान्य रूप से रक्त को पैरों से हृदय तक वापस भेजने में मदद करता है — निष्क्रिय हो जाता है। इसके अलावा, सीट का किनारा जांघ या घुटने के पिछले हिस्से पर दबाव डाल सकता है, जिससे रक्त का बहाव और धीमा हो जाता है। रक्त के निष्क्रिय पड़े रहने से थक्का बनने का जोखिम बढ़ जाता है। डॉ. नागेश ने यह भी चेतावनी दी कि डिहाइड्रेशन, धूम्रपान और लंबे समय तक गतिहीनता रक्त को और गाढ़ा कर सकती है। डॉ. नागेश ने विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले यात्रियों को लगातार ब्रेक लेने, संपीड़न मोज़े (Compression Stockings) पहनने, और हर 30-45 मिनट में पिंडली की मांसपेशियों को सक्रिय करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सूजन, गर्मी, या दर्द जैसे किसी भी लक्षण पर तुरंत वैस्कुलर विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।