डूंगरपुर विधायक एवं यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा द्वारा दो दिन पूर्व ग्राम पंचायत सुरपुर में पट्टे के आवंटन को लेकर एसडीएम,तहसीलदार सहित सभी कर्मचारियों को बंधक बनाने को लेकर भाजपा विधायक ने सरकारी तंत्र की अवहेलना बताया है।
आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने बताया कि रूलिंग पार्टी के विधायक को अधिकारियों व कर्मचारी द्वारा तवज्जो नहीं दिया जाना मतलब सरकार की नाकामी है।परंतु एक विधायक द्वारा अधिकारियों व कर्मचारियों को बंधक बनाना भी गलत है।अधिकारी अपना काम नियमानुसार ही करेंगे।कांग्रेस विधायक अधिकारियों द्वारा गलत तरीके से काम करवाना चाह रहे होंगे,जो अधिकारी नहीं किया।जिससे लोगों के साथ मिलकर बंधक बनाना भी उचित नहीं है।
डूंगरपुर विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।बताना बताया जा रहा है की मैं जनता के लिए लड़ रहा हूं।लेकिन वैसे यदि इस्तीफा देना चाहते ही हैं तो विधानसभा अध्यक्ष को भेजते।सीएम को तो पार्टी इस्तीफा सौंपा जाता है।यदि एमएलए इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं,तो मैं मान जाता हूं कि जनता के लिए लड़ रहे।यह सब केवल ड्रामा है,प्रशासन,सरकारी तंत्र पर एक दबाव बनाने की कोशिश है।पूर्व में भी कोंग्रेस एमएलए द्वारा पुलिस प्रशासन व डिस्कॉम के अधिकारियों के विरुद्ध भी मोर्चा खोलकर हटवा गया था।यह विधायक अपनी मनमानी से अपनी एप्रोच व दवाब बना रहे जो सरासर गलत है।संविधान के विरुद्ध है।जिसका हम विरोध दर्ज करते हैं।