इस्लामाबाद: पाकिस्तान में शनिवार आधी रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। भूकंप के दौरान धरती हिलने लगी, जिससे सो रहे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। यह घटना एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार हुई है। इससे पहले 28 फरवरी को भी पाकिस्तान में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई थी।
भूकंप का केंद्र कहां था?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में ही था और यह धरती से 27 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग नींद से जाग उठे और बाहर निकल आए। चूंकि अभी रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, कई लोग देर रात तक शहर में खरीदारी और तैयारियों में व्यस्त थे, इसलिए कई लोग पहले से ही बाहर थे।
पिछले भूकंप की तुलना में कितना खतरनाक था?
28 फरवरी 2025 को आए भूकंप की तुलना में इस बार झटके अधिक तीव्र महसूस किए गए। 28 फरवरी को आए भूकंप की तीव्रता 4.5 थी, जबकि इस बार की तीव्रता इससे अधिक आंकी जा रही है। हालांकि, अभी तक भूकंप से किसी प्रकार की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं मिली है।
लगातार आ रहे भूकंप से लोगों में डर का माहौल
पाकिस्तान में एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार भूकंप आने से लोगों में डर और चिंता का माहौल बन गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह लगातार आने वाले झटके किसी बड़ी आपदा का संकेत हो सकते हैं।
क्या हो सकता है कारण?
पाकिस्तान एक भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है। यह इलाका इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के जंक्शन पर स्थित होने के कारण अक्सर भूकंप की चपेट में रहता है। हाल के वर्षों में, यहां कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। वैज्ञानिक इस बार-बार आ रहे भूकंप के पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं।
सरकार की तैयारी और अलर्ट
पाकिस्तान सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। लोगों को सुरक्षित रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।
भविष्य की आशंकाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार आ रहे भूकंप भविष्य में किसी बड़ी आपदा का संकेत हो सकते हैं। ऐसे में सतर्कता और सुरक्षा उपाय अपनाना जरूरी है।
निष्कर्ष
हालांकि, हालिया भूकंप से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह लगातार आ रहे भूकंप चिंता का विषय बने हुए हैं। वैज्ञानिकों और सरकारी एजेंसियों को इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि किसी बड़ी आपदा से पहले आवश्यक कदम उठाए जा सकें।